शिमला। प्रदेश कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल से विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 से 23 दिसंबर तक तपोवन धर्मशाला में करवाने की सिफारिश का निर्णय लिया गया। कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। इसके अलावा बैठक में जल शक्ति विभाग में 4500 पैरा कर्मचारी, राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग में कर एवं कराधान निरीक्षक के 25 और बागवानी विभाग में बागवानी विकास अधिकारी के 10 पद भरने का निर्णय लिया गया।
वहीं मोटर वाहन कर की एकमुश्त छूट के साथ पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किए जाने वाले पुराने वाहनों से संबंधित ब्याज और जुर्माने की एकमुश्त छूट को भी मंजूरी दी गई। यह छूट एक साल के लिए लागू होगी, जो वाहन मालिकों को मौजूदा नियमों के अनुरूप अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्यावरण अनुकूल दृष्टि से जिम्मेदार विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करेगी। वहीं वैध सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करने पर नए वाहन के पंजीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन कराधान अधिनियम-1972 की धारा 14 के तहत देय कर पर गैर परिवहन वाहनों को 15 वर्ष तक 25 प्रतिशत और परिवहन वाहनों के मामले में आठ वर्ष तक 15 प्रतिशत रियायत देने का निर्णय लिया गया।
एसजेवीएनएल के पक्ष में किए गए जंगी थोपन पोवारी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (780 मेगावाट) के आवंटन को रद करने का निर्णय लिया। कंपनी द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर परियोजना के कार्यान्वयन में प्रगति में विफलता पर यह निर्णय लिया गया। शिमला, चौपाल और कुल्लू के और अधिक क्षेत्रों को योजना क्षेत्र के अंतर्गत लाने की स्वीकृति प्रदान की, ताकि इन क्षेत्रों में असुरक्षित निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जा सके। प्रदेश में कार्यरत सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सहकारी समितियां नियम, 1971 में संशोधन करने को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त प्रदेश के मंदिरों में संग्रहित सोने, चांदी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती नियम, 1984 के नियमों में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से प्रदेश के सभी स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए छह वर्ष से अधिक आयु का मानदंड अपनाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 और शहरी क्षेत्रों में 10000 रुपये मासिक किराया देने की भी कार्याेत्तर मंजूरी दी गई।