कांगड़ा। प्रदेश के विभिन्न आउटसोर्स कर्मचारी प्रतिनिधियों और जिला अध्यक्षों ने आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों को लेकर राजपूत महासभा हॉल कांगड़ा में बैठक की। इसमें प्रदेश के करीब 200 आउटसोर्स कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी में जरूरत के मुताबिक फेरबदल करना व विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखना था।
प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष यूनस अख्तर बनाए
इस दौरान सर्वसम्मति से प्रदेश कार्यकारिणी गठित की गई। इसमें प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष यूनस अख्तर, उपाध्यक्ष यशु मेहता, महासचिव राजेश, कोषाध्यक्ष तजेंदर व देश राज, मुख्य सलाहकार ललित, मीडिया प्रभारी बिट्टू भरमौरी, संयुक्त सचिव अमित कुमार, मुकेश कुमार, जोगिंदर ठाकुर और जतिंदर (क्षेत्रानुसार) बनाए गए। वहीं सदस्य के रूप में भूपेंदर सिंह, हरविंदर, कुलवीर, नीलम शर्मा, सोहन चौहान व प्रोमिला को शामिल किया गया।
आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों रक्षा के लिए काम करें
नवनियुक्त अध्यक्ष यूनस अख्तर ने प्रदेश कार्यकारणी के सदस्यों से आग्रह किया कि वे आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों व अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करें। आउटसोर्स कर्मचारियों को एक सूत्र में बांधना है। आउटसोर्स कर्मचारियों को वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली पर पूर्ण विश्वास है कि वह उनके 15-20 वर्ष के कार्यकाल व भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस शीतकालीन सत्र और बजट सत्र में ठेकेदारों को बाहर करेगी।
मात्र 10-11 हजार में गुजारा करना पड़ रहा
आउटसोर्स कर्मचारी सरकार को अवगत करवाना चाहते हैं कि महंगाई के दौर में मात्र 10-11 हजार में परिवार का भरण-पोषण करना पड़ रहा है। उनके वेतन में वृद्धि व न्यायसंगत नियमित पालिसी तो दूर की बात है। उन्हें उल्टा निकाला जा रहा है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस शीतकालीन सत्र में सरकार के समक्ष आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को रखा जाएगा।