शिमला। गगल हवाई अड्डे (Gagal airport) के विस्तारीकरण मामले में प्रदेश हाईकोर्ट (High court) ने प्रभावित लोगों को उनकी भूमि से बेदखल न करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने सरकार और प्रतिवादियों को दो सप्ताह में ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश (Order) हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि विस्तारीकरण प्रक्रिया के लिए आवश्यक औपचारिकताओं पर अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने महाधिवक्ता द्वारा पहले में दिए गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए मामले की प्रगति पर रिपोर्ट मांगी है। यह आश्वासन भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 की धारा 11 (1) के तहत प्रभावितों को सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें कुछ मामलों में उपायुक्त ने अवॉर्ड भी पारित कर दिए गए हैं।
हालांकि वन भूमि डायवर्जन की प्रक्रिया केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित है। इसे परियोजना स्क्रीनिंग समिति से मंजूरी मिलना शेष है। हाईकोट ने 13 नवंबर के अपने आदेशों में राज्य सरकार से विस्तारीकरण के लिए सभी आवश्यक अनुमतियों पर अद्यतन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।