नई दिल्ली/शिमला।

देश की शीर्ष अदालत ने हिमाचल के प्राइमरी स्कूलों में एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के बीएड डिग्रीधारकों को भी पात्र ठहराने के आदेशों को रद कर इस विवाद पर विराम लगा दिया है। ऐसे में पहले की भांति पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए जेबीटी ही नौकरी पर रखे जाएंगे। यह विवाद करीब पांच साल से चल रहा था।

एनसीटीई के इन आदेशों को जेबीटी ने हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं बीएड डिग्रीधारक भी हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने जेबीटी के पक्ष में फैसला सुनाया था। फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। यहां भी जेबीटी जीते। यह विवाद जब अदालत में चल रहा था, तो उस दौरान राज्य सरकार ने बैचवाइज कोटे से करीब 225 बीएड डिग्रीधारकों को जेबीटी पदों पर सशर्त नौकरी दे दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इन्हें हटाया जा सकता है। एलिमेंटरी एजुकेशन डायरेक्टर घनश्याम चंद ने कहा कि अदालत का ऑर्डर पढऩे के बाद इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा। वहीं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि अभी ऑर्डर की कॉपी नहीं मिली है। ऐसी सूचना है कि सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई के आदेशों को रद कर दिया है।

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