नई दिल्ली। तमाम सवालों और शंकाओं के बीच देश में पहली बार ईवीएम (EVM) खोली गई। यह सब देश की शीर्ष अदालत (Court) के आदेश (Order) पर हुआ। मशीन खोलने के बाद वोटों की गिनती (Counting) की गई। इसके बाद नतीजा (Result) बदल (Changed) गया। जीता हुआ उम्मीदवार हार गया और हारा जीता गया।
यह केस हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना लाखु गांव के पंचायत चुनाव का है। यहां सरपंच के चुनाव में विवाद हुआ था। इस पर अदालत ने खुद हस्तक्षेप किया और चुनावी रिकॉर्ड सहित ईवीएम की गिनती का आदेश दिया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान दोनों पक्ष मौजूद थे। यही नहीं, इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। जांच में हारे हुए प्रत्याशी को जीत मिली।
इससे लेकर सियासी गलियारो में हलचल मच गई है। ईवीएम का विरोध कर रहे विपक्ष की आवाज को बल मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुआना लाखु गांव में 2 नवंबर, 2022 को सरपंच पद के लिए चुनाव हुआ था। इसमें कुलदीप कुमार सिंह को विजेता घोषित किया गया था। हारे प्रत्याशी मोहित कुमार ने इस नतीजे को चुनौती दी। उन्होंने अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश के समक्ष पुनर्मतगणना की मांग की। अदालत ने 22 अप्रैल, 2025 को दोबारा गणना का आदेश दिया था। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा।
हाईकोर्ट ने इस दोबारा गणना के आदेश को रद कर दिया। इसके बाद मोहित कुमार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया। सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाने से पहले चुनाव में इस्तेमाल ईवीएम की गिनती कराने का आदेश दिया। इसके बाद ईवीएम की गिनती रजिस्टार की निगरानी में की गई। इस संशोधित परिणाम ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। लोगों के मन में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह मामला भाजपा की चुनावी मनमानी और ईवीएम के दुरुपयोग की ओर इशारा करता है। साथ ही कई अन्य नेता और पार्टियां भी इस फैसले को लेकर सवाल उठा रही हैं कि क्या ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष है या नहीं। यह विवाद देश में चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और भरोसे को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गया है। देश में चुनावी विवादों में ईवीएम (EVM) को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, देश में चुनाव के दौरान उपयोग की जाने वाली मशीन है। इससे वोटिंग और गिनती इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है। इसे चुनाव आयोग ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी रोकने के लिए प्रयोग में लाना शुरू किया था। हालांकि समय-समय पर ईवीएम को लेकर मतदाता और पार्टियों के बीच विवाद होते रहते हैं कि कहीं मशीन में छेड़छाड़ तो नहीं की गई। यह मामला भी उसी संदर्भ में देखा जा रहा है।