शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त सीपीएस को मंत्री स्तर की सभी सुविधाएं देने पर रोक लगा दी है। इस केस की अगली सुनवाई मार्च महिने में होगी। हाईकोर्ट का यह आदेश प्रदेश सरकार के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
ये सुविधाएं छोड़नी होंगी
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सभी सीपीएस को मंत्री वाले ऑफिस, बंगले, निजी सचिव, सरकारी गाड़ी और पीए को तुरंत खुद छोड़ना पड़ेगा। एक साल में मिले भत्तों, अतिरिक्त वेतन, टीए और डीए पर भी हाईकोर्ट अलग से आदेश दे सकता है। सीपीएस को मिली अतिरिक्त राशि से सरकारी खजाने पर करोड़ों का अतिरिक्त भार पड़ा है।
नेता प्रतिपक्ष ने किया हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत
पूर्व मुख्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही इन असंवैधानिक नियुक्तियों के खिलाफ थी, इसलिए हमें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। हाईकोर्ट ने भाजपा के पक्ष को सही ठहराते हुए ये आदेश पारित किए हैं।