शिमला। महंगाई भत्ते (DA) के मुद्दे पर विपक्ष (Opposition) ने वीरवार को सदन से वॉकआउट (Walkout) किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने कर्मचारियों के सहयोग से सरकार बनाई, लेकिन अब कर्मचारियों के साथ वह अन्याय कर रही है।
विधानसभा में कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ता देने का मुद्दा भाजपा ने उठाया। मुख्यमंत्री से इस बात का आश्वासन भी मांगा कि वह एक तिथि बताएं कि कब तक कर्मचारियों का लंबित महंगाई भत्ता जारी किया जाएगा। इस मुद्दे पर सरकार ने कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री के द्वारा DA जारी करने को आश्वाशन न दिए जाने और इधर-उधर की बातें करने पर भाजपा विधायक दल ने सदन से वॉकआउट किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 11% से ज्यादा महंगाई भत्ता कर्मचारियों का रोक रखा है।मुख्यमंत्री की बातचीत से यह भी साफ है कि वह यह महंगाई भत्ता देना नहीं चाहते हैं।जयराम ठाकुर ने कहा कि हर बात मुख्यमंत्री घुमा-फिरा कर पूर्व सरकार के ऊपर छोड़ देते हैं। अढ़ाई साल से ज्यादा इस सरकार के गठन को हो गया है। इसके बाद भी पूर्व सरकार के ऊपर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ना सरकार की बेशर्मी है।मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों और गलतियों को स्वीकारें। झूठी गारंटियां, झूठे वादे करके सत्ता हासिल करने वाली सरकार सब कुछ विपक्ष के जिम्मे नहीं थोप सकती है।
मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान सदन में कहा था कि मई के महीनें से कर्मचारियों को डीए की एक किस्त मिल जाएगी। लेकिन मई भी बीत गया, जून भी बीत गया, जुलाई भी बीत गया और अगस्त भी बीतने वाला है, लेकिन सरकार ने दिए दिए जाने की कोई घोषणा नहीं की गई। आज भी मुख्यमंत्री डीए जारी करने का आश्वासन नहीं दे रहे हैं। इस यह साफ है आने वाले समय में भी डीए मिलने वाला नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीए के एरियर के रूप में ही कर्मचारियों के 2 हजार करोड़ की धनराशि बकाया है। कर्मचारी अपने इलाज के लिए भटक रहे हैं। सरकार द्वारा ढाई साल से कर्मचारियों के मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। इसके लिए भी क्या विपक्ष ही जिम्मेदार है। स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पूर्व सरकार के समय भी डीए लंबित था। जिसे हमारी सरकार ने लोगों को दिया। यह सामान्य प्रक्रिया है। मगर सरकार कर्मचारी हित के बजाय राजनीति कर रही है। यह दुर्भाग्य पूर्ण है। सरकार कर्मचारियों को अविलंब डीए जारी करे।