कांगड़ा। एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल की अगुआई में 4 अप्रैल, 1905 में कांगड़ा में आए सदी के सबसे बड़े भूकंप (Earthquake) की याद में उपमंडल स्तरीय जागरुकता (Awareness) मॉक ड्रिल (Mockdrill) करवाई गई। इसमें समस्त विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया।

एसडीएम ने कहा कि कांगड़ा घाटी के इतिहास में वो सबसे विनाशकारी और भयानक भूकंप था। उसमें 20 हजार से अधिक लोगों की जान गई थी। भूकंप 4 अप्रैल, 1905 को देश में तत्कालीन पंजाब प्रांत (आधुनिक हिमाचल प्रदेश) की कांगड़ा घाटी और कांगड़ा के क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार रात 1:00 बजे के आसपास आया था। भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इससे 1 लाख से अधिक इमारतें ध्वस्त हो गई थीं। करीब 20 हजार लोग मारे (Death) गए थे। वहीं 53 हजार घरेलू जानवर काल के ग्रास में समा गए थे। कांगड़ा, मैकलोडगंज और धर्मशाला की अधिकतर इमारतें नष्ट हो गई थीं।

उन्होंने कहा आपदा मॉक ड्रिल से हमने आपदा की तैयारी परखी है। इस दौरान जो कमियां पाई गई हैं। उनकी रिपोर्ट बनेगी। उन सभी कमियों को दूर किया जाएगा। इस दौरान तहसीलदार कांगड़ा मोहित रतन, डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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