कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Board) की लापरवाही एक छात्रा (Student) की जान पर भारी पड़ी है। यह छात्रा अस्पताल (Hospital) में उपचाराधीन (Admit) है। वहां छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। दरअसल शिक्षा बोर्ड की गलती के कारण जमा दो के अंग्रेजी के पेपर में विद्यार्थियों के कम नंबर आए थे। जब बोर्ड ने गलती मानते हुए रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया तो कई विद्यार्थियों के अंक अंग्रेजी विषय में बढ़ गए।
इससे पास प्रतिशत भी बढ़ा। ऐसे में 2713 छात्र पास हुए, जो पहले फेल थे। वहीं 2009 की कंपार्टमेंट खत्म हो गई। इनमें से एक छात्रा जो पहले फेल दिखाई गई थी। उसने दु:खी होकर जहरीला पदार्थ खाया लिया था। अब वह पास हो गई है। मामला पालमपुर के पंचरुखी का है। बोर्ड ने 17 मई को जारी रिजल्ट में इस छात्रा को दो सब्जेक्ट में फेल दिखाया गया था।
उसे अंग्रेजी और राजनीति शास्त्र विषय में पास मार्क्स नहीं मिले थे। छात्र डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में भर्ती है। पंचरुखी पुलिस थाने में इस संबंध में केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि उसकी दोनों किडनी खराब हो गई हैं। छात्रा के पिता की काफी पहले मौत हो चुकी है। घर पर दो बहनें और मां है, जो पूरे परिवार भरण-पोषण कर रही है।