शिमला। राज्य के 2050 शिक्षण संस्थान चरणबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे। साल 2026-2027 तक प्रदेश की प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की 2050 पाठशालाओं को मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य है। यह जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दी। अगले शैक्षणिक सत्र से ये संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। उन्होंने 31 दिसंबर, 2023 तक इनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए व्यापक सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सरकारी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाएंगे। वहीं स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए खंड, उपमंडल व जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गेस्ट लेक्चरर योजना शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने और चयन के बाद उन्हें रिक्त पदों वाले स्कूलों में एक साल के लिए तैनात करने संबंधी प्रावधान भी किए जाएंगे। उन्होंने विभाग को इस योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
सीएम ने विभाग को प्राथमिक और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के क्लस्टर बनाकर उनके संसाधनों का साझा उपयोग करने की रूपरेखा को जल्द अंतिम रूप देने को कहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अन्य गतिविधियों के साथ-साथ एक शैक्षणिक सत्र में अनिवार्य 220 अध्यापन दिवस सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों का प्रमुख दायित्व विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना है, उन्हें इसके लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। पहली नियुक्ति पर अध्यापकों को अनिवार्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले स्कूलों और अध्यापकों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करेगी। इसके तहत जिला स्तर पर 5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ-साथ प्रमुख गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लेने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे सुधारों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी छह वर्ष की आयु में पहली कक्षा में दाखिला सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों कोे आयु वर्ग के अनुसार जीवन उपयोगी कौशल (लाइफ स्किल) में पारंगत किया जाएगा।

उन्होंने प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गोहर, धर्मपुर व बंगाणा में निर्माणाधीन अटल आदर्श विद्यालय के निर्माण कार्य को वर्तमान राज्य सरकार पूरा करेगी। इनके लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें अगले साल से संचालित किया जाएगा।

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