ऊना। बेटी आस्था अग्निहोत्री के बाद अब उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) मुकेश अग्निहोत्री ने भी लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) लड़ने से साफ इंकार कर दिया है। इससे उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम गया है। गौर हो कि पिता-पुत्री के चुनाव लड़ने की अटकलें लग रही थीं। उपमुख्यमंत्री ने वीरवार को ऊना में पत्रकार वार्ता (Press confrence) की। इस उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि न तो वह यह चुनाव लड़ रहे हैं, न ही उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री किसी चुनावी मैदान में उतर रही हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि उनकी बेटी आस्था को लोकसभा चुनाव और गगरेट उपचुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला था। उन्होंने विनम्रतापूर्वक यह चुनाव लड़ने में असमर्थता जता दी थी।

यह बताया चुनाव नहीं लड़ने का कारण

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनको चुनाव लड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। कुछ ही समय पूर्व उनकी पत्नी सिम्मी अग्निहोत्री का स्वर्गवास हुआ है। ऐसे में उनका परिवार गहरे सदमे में है। इससे परिवार अभी उबर भी नहीं पाया है। ऐसे हालातों में किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने के बारे में न तो वह सोच सकते हैं और न ही उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री चुनावी रण में कूदने के बारे में सोच सकती है।

पत्रकारों को लेकर कही यह बात

मुकेश अग्निहोत्री ने कुछ पत्रकारों को बार-बार लोकसभा चुनाव में उनका नाम घसीटने को लेकर नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि उनका नाम सर्वे में सबसे आगे होने की बात कही जा रही है। लगातार पांच चुनाव जीतकर मुकेश अग्निहोत्री उपमुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे हैैंं। जब भी सर्वे हुआ है, वह सबसे आग ही रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में टिकट उसका हाईकमान देता है। मगर कुछ पत्रकार खुद ही टिकट देकर बैठ गए हैं। इस तरह के झूठ से पत्रकारिता की विश्वसनीयता कम होती है।

एक-दो दिन में होगी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक या दो दिन में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाए। इसके बाद सबको पता चल जाएगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ रहा है और कौन नहीं लड़ रहा है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि सर्वे ऐसे लोगों के पास आसानी से पहुंच जाते हैं। वहीं जिनका संबंध इनसे होता है, उन्हें कोई जानकारी नहीं होती है।

कांग्रेस हाईकमान का जताया आभार

मुकेश अग्निहोत्री ने कांग्रेस हाईकमान का उनकी बेटी को लोकसभा चुनाव व गगरेट विधानसभा उपचुनाव लड़ने का प्रस्ताव देने पर आभार जताया। टिकट मिलने का प्रस्ताव किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए सबसे बड़ा सम्मान होता है। यदि उनकी पारिवारिक स्थिति सामान्य होती तो वह हाईकमान के इस प्रस्ताव पर जरूर सकारात्मक निर्णय लेता।

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