धर्मशाला। दाड़ी मेला ग्राउंड (Ground) में शुक्रवार को ग्रामीण स्वाद महोत्सव हुआ। इसका आयोजन जिला प्रशासन कांगड़ा ने किया। यह आयोजन न केवल पारंपरिक व पोषणयुक्त व्यंजनों का उत्सव रहा, बल्कि ग्रामीण महिला सशक्तिकरण, स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण का सशक्त माध्यम भी सिद्ध हुआ।

इसका शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं समापन सत्र में उपायुक्त हेमराज बैरवा मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। दोनों अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूहों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रतिभागियों से संवाद कर उनके कार्यों की सराहना की।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि प्रदेश की धरती जितनी प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है, उतनी ही समृद्ध इसकी पारंपरिक पाक कला, पोषण संस्कृति और महिला शक्ति भी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वाद महोत्सव प्रशासन, समुदाय और स्वयं सहायता समूहों के बीच सहयोग और सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल स्थानीय खाद्य विविधता के संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होते हैं। उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को और व्यापक रूप में आयोजित किया जाएगा, ताकि स्वयं सहायता समूहों को स्थायी बाजार और प्रशिक्षण के अधिक अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी से यह महोत्सव एक प्रेरणादायक पहल के रूप में उभरा है। उन्होंने आयोजक टीम को सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।

इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अपार प्रतिभा, परंपरा और नवाचार छिपा हुआ है, जिसे सही अवसर और मंच मिलने पर यह प्रतिभा राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वाद महोत्सव केवल व्यंजनों का आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारे समाज की आत्मा, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण का उत्सव है। इस आयोजन में भाग लेने वाली महिलाओं ने न केवल स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि ग्रामीण भारत में कौशल, परिश्रम और आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है

महोत्सव में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए स्वयं सहायता समूहों ने पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों का सुंदर प्रदर्शन किया। मंडुआ (रागी), कांगणी, कुट्टू जैसे पोषक अनाजों से बने व्यंजनों ने स्वाद, स्वास्थ्य और परंपरा का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। महिलाओं ने स्वयं व्यंजनों की तैयारी, प्रस्तुति और बिक्री की जिम्मेदारी संभाली। आगंतुकों ने उत्साहपूर्वक खरीदारी की और इससे लोगों मेें स्थानीय उत्पादों के प्रति जनजागरूकता भी बढ़ी।
महोत्सव में आयोजित रेसिपी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने पारंपरिक व्यंजनों की विविधता को मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल में सहायक आयुक्त फूड सप्लाई सविता ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, तथा तकनीकी सहायक सतिंद्र शामिल रहे।

प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जय गौरा स्वयं सहायता समूह नगरोटा बगवां को द्वितीय पुरस्कार अकांक्षा स्वयं सहायता समूह धर्मशाला को, जबकि तृतीय पुरस्कार जय दुर्गा एसएचजी, धर्मशाला को मिला। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और सभी प्रतिभागी महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों के संवर्धन की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधि, स्थानीय नागरिक और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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