आशुतोष। बैजनाथ
राजीव
गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय पपरोला में उच्च स्तरीय ट्रेंनिंग कोर्सेज शुरू किए गए हैं। ये कोर्सेज केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से चैंपियन सर्विस सेक्टर स्कीम के तहत कुशल जनशक्ति की कमी को पूरा करने के लिए शुरू किए गए।

ये हैं कोर्सेज

इन कोर्सेस में क्षार कर्म टेक्नीशियन प्रशिक्षण कार्यक्रम, वेलनेस के लिए योग विज्ञान में फाउंडेशन कोर्स व पंचकर्म परिचारक बेसिक कोर्स शामिल हैं। इस योजना को आयुष मंत्रालय के अधीन नोडल राष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से देशभर में लागू किया जा रहा है। आयुर्वेद संस्थान पपरोला उत्तर भारत के आयुर्वेदिक संस्थानों में एकमात्र नोडल संस्थान है। इसे आयुष क्षेत्र में कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया गया है।

यह है उद्देश्य

महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रोफेसर विजय चौधरी ने कहा है कि तीन विभागों में इन ट्रेनिंग कोर्सेज को शुरू कर दिया गया है। तीन योजनाओं में पात्रता के आधार पर प्रदेश से 60 लोगों को शामिल किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य कुशल मानव संसाधन विकसित करना और युवाओं को स्वावलंबी बनाना है।

युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा

इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही हर महिने उन्हें स्टाइपेंड मिलेगा। इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर युवा अपना रोजगार भी शुरू कर सकते हैं। यही नहीं, आयुर्वेद चिकित्सालयों व अन्य आयुष चिकित्सकों के साथ कार्य भी कर सकते हैं। महाविद्यालय प्रशासन ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय, हिमाचल सरकार का आभार जताया है।

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