शिमला। हिमाचल (Himachal) के नागरिक बेइमानों का कभी साथ नहीं देते हैं। यह देवी-देवताओं की भूमि (Land of God) हैै। यहां के लोग ईमानदार (Honest) हैं। इस बार हो रहा चुनाव तय करेगा कि ईमानदारी जीतनी और बेईमानी हारनी चाहिए। कांग्रेस के छह बागियों और तीन आजाद विधायकों ने खुद को भाजपा की राजनीतिक मंडी में बेचा है, इसलिए उन्हें जनता सबक सिखाएगी। यह चुनाव मुख्यमंत्री (CM) की कुर्सी या सरकार बचाने का नहीं, लोकतंत्र को बचाने का है। यहां के नागरिकों का वोट 1 जून को यह तय करेगा कि लोकतंत्र की ताकत जनबल है या धनबल है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये बातें शिमला जिले के चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी में लोकसभा उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी के लिए वोट की अपील करते हुए कहीं। सीएम ने कहा कि यह साधारण चुनाव नहीं है। इससे भविष्य की राजनीति की दशा और दिशा तय होगी।

नोटतंत्र के आगे जनबल जीतना चाहिए

सीएम ने कहा कि 1 जून को धनबल की राजनीति करने वालों के खिलाफ पूरे देश में संदेश जाना चाहिए। नोटतंत्र के आगे जनबल जीतना चाहिए। यदि राज्य पूरे देश को लोकतंत्र बचाने के लिए दिशा दिखा सकता है तो 1 जून का समय बिल्कुल सही है। जनता के वोट से चुनकर आए विधायकों को दिल्ली में बैठी सरकार नोट के दम पर खरीद ले तो वोट की क्या कीमत है।

विधायकों को खरीदना जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़

सीएम ने कहा कि चुने हुए विधायकों को खरीदना जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। यह चुनाव सत्य और असत्य के बीच है। इसमें जीत सच की होती है। यहां सवाल किसी पार्टी का नहीं, उनको सबक सिखाने का है, जिन्होंने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। सरकारें आती-जाती रहेंगी, इस बार नोट से वोट खरीदने वालों को सबक सिखाना है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को बताया सत्ता का भूखा

सीएम ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सत्ता के भूखे होने के साथ कर्मचारियों और महिलाओं के विरोधी भी हैं। उन्होंने कर्मचारियों के ओपीएस मांगने पर उन पर लाठियां बरसाईं। कर्मचारियों को चुनाव लड़ने के लिए कहा और जब कांग्रेस सरकार ने ओल्ड पेंशन दे दी तो सरकार और कर्मचारियों के एनपीएस अंशदान के 9000 करोड़ रुपये रोक लिए। यही नहीं, केंद्र सरकार ने ओपीएस देने पर राज्य सरकार की कर्ज सीमा कम कर दी।

महिलाओं की पेंशन रुकवाने के लिए चुनाव आयोग के पास पहुंचे जयराम

सीएम ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने आचार संहिता लागू होने से पहले 18 साल से ऊपर की बेटियों व महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन प्रति माह देने की योजना लागू की तो जयराम ठाकुर उसे रुकवाने चुनाव आयोग के पास पहुंच गए।

महिलाओं के 1500 रुपये भाजपा और जयराम ठाकुर रुकवा नहीं सकते

सीएम ने कहा कि महिलाओं के 1500 रुपये भाजपा और जयराम ठाकुर नहीं रुकवा सकते। सरकार ने चुनाव आयोग से अप्रैल महीने की 1500 रुपये पेंशन जारी करने की अनुमति चुनाव आयोग से मांगी है। अगर आयोग भाजपा के दबाव के कारण अनुमति नहीं देता है तो जून महीने में महिलाओं को अप्रैल और मई माह के 3000 रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे।

विनोद सुल्तानपुरी समझते हैं आपकी दुख-तकलीफ

सुखविंदर सिंह ने कहा कि विनोद सुल्तानपुरी पढ़े-लिखे हैं, इन्हें सांसद बनाइये। यह आपकी दुख-तकलीफ समझते हैं। राज्य सरकार का साढ़े तीन साल का कार्यकाल बचा है। इस दौरान नहीं कुपवी में विकास कार्यों की कमी नहीं छोड़ी जाएगी। वह जून महीने के अंत में कुपवी आएंगे और यहां के लोगों की तमाम मांगें पूरी करेंगे।

भाजपा सांसद आपदा के समय लोगों के साथ खड़े नहीं हुए

सीएम ने आरोप लगाया भाजपा सांसद आपदा के समय लोगों के साथ खड़े नहीं हुए। उन्होंने लोगों की मांगों को भी संसद में उठाया। वह इतनी हिम्मत भी नहीं जुटा पाए कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को आपदा से निपटने के लिए विशेष राहत पैकेज देने के लिए संदेश लिख सकें।

कांग्रेस सरकार आपदा के दौरान लोगों के साथ खड़ी रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार आपदा के दौरान लोगों के साथ खड़ी रही। करीब 22 हजार प्रभावित परिवारों को पुनः बसाया। आर्थिक संकट के बावजूद 4500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया। सरकार अनाथ बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना लाई, विधवा महिलाओं के बच्चों को 27 साल की आयु तक मुफ्त शिक्षा देने जा रहे हैं। 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों का पूरा इलाज मुफ्त हो रहा है।

दूध पर एमएसपी देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य

दूध पर एमएसपी देने वाला हिमाचल पहला राज्य है। किसानों व बागवानों के लिए अनेक योजनाएं लाई गई हैं। मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 60 रुपये बढ़ाई गई, जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है।
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर को जनहितैषी कार्य रास नहीं आ रहे

भाजपा और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर को जनहितैषी कार्य रास नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि सरकार गिराने की साजिश रची गई। इस दौरान कांग्रेस के महासचिव संगठन रजनीश किमटा आदि मौजूद रहे।

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