शिमला। प्रदेश में आम समेत छह प्रजातियों के पेड़ों के कटान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसा प्रदेश से बाहरी प्रदेशों में होने वाली इमारती व ईंधन की लकड़ी की चोरी को रोकने के लिए किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि में आम के पेड़ों के साथ त्रियांबल (फिकस प्रजाति), तुनी (तूना सिलियाटा), पदम या पाजा (प्रूनस सेरासस), रीठा (सैपिंडस मुकोरोसी) और बान (क्वेरकस ल्यूकोट्राइकोफोरा) के पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन छह प्रजातियों को वन विभाग के 10 वर्षीय कटाई कार्यक्रम के तहत लाया गया है। उन्होंने कहा कि अब इन पेड़ों को केवल वन विभाग की अनुमति के साथ ही काटा जा सकता है।
हालांकि नए नियम के तहत घरेलू कार्यों के लिए एक वर्ष में अधिकतम पांच पेड़ों को काटने की अनुमति रहेगी। इस निर्णय से वनों के अवैध कटान की रोकथाम होगी। वहीं राज्य की जैव विविधता को बचाने में भी मदद मिलेगी।
वन विभाग ने 13 पेड़ प्रजातियों की एक संशोधित सूची अधिसूचित कर दी है, जिन्हें वन परिक्षेत्राधिकारी को सूचित कर काटा जा सकता है। बाकी अन्य सभी प्रजातियों के पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की मंजूरी जरूरी होगी।