बंजार। कुल्लू के बंजार उपमंडल स्थित विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (National park) के लिए वन विभाग (Forest department) की टीमें रवाना हो गई हैं। वहीं ये हिमाचल के राज्य पक्षी जाजुराना की गणना करेंगी। इस प्रजाति का पक्षी दुनियाभर में विलुप्त होने के कगार पर है। इस संबंध में सर्वे (Survey) जारी है।

टीमों में बाहरी राज्यों के कुछ पक्षी प्रेमी वॉलंटियर भी शामिल

वन विभाग की टीमों में बाहरी राज्यों के कुछ पक्षी प्रेमी वॉलंटियर भी शामिल हैं। पार्क क्षेत्र से सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद जाजूराना पक्षी की मौजूदगी के रहस्य का पता चलेगा।

जैविक विविधता का है अनमोल खजाना

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र के अंदर जैविक विविधता का अनमोल खजाना है। यहां देश विदेश से सैंकड़ों पर्यटक आते हैैं। यही नहीं, प्रकृति प्रेमी, अनुसंधानकर्ता, पर्वतारोही और ट्रैकर भी यहां आते हैं। इस कारण पार्क प्रबंधन इस धरोहर स्थल के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए कई योजनाओं पर काम करता है। पार्क के संरक्षित क्षेत्र में पाए जाने वाले वन्य जीवों और कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की समय-समय पर गिनती की जाती है।

चार दिन तक किया जाएगा गिनती का काम

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शमशी के वन मंडल अधिकारी सचिन शर्मा ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस बार भी प्रबंधन दुर्लभ पक्षी जाजूराना की गणना की जा रही है। पार्क क्षेत्र की तीनों रेंजों में 27 से 30 अप्रैल तक जाजूराना के संभावित ठिकानों में इसकी गणना के लिए अलग-अलग टीमें भेजी गईं। पार्क की तीनों रेंजों सैंज, जीवनाला और तीर्थन के संरक्षित क्षेत्र में चार दिनों तक गिनती का काम किया जाएगा।

गणना और सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद डाटाबेस किया जाएगा तैयार

जाजुराना की अलग-अलग विधि से गणना और सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद डाटाबेस तैयार किया जाएगा। पार्क क्षेत्र में वर्तमान में जाजूराना की मौजूदगी का रहस्य गिनती की रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा।

तीर्थन रेंज में गणना के लिए पांच टीमें की गई हैं गठित

वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानंद ने कहा कि इस बार तीर्थन रेंज में जाजूराना की गणना के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। ये रोला भंडार, नाड़ा थाच, शिल्ट और छोद्वार में पक्षी की मौजूदगी का पता लगाएगी।

गणना के लिए अपनाई जाएंगी ये विधियां

गणना के लिए कॉल काउंट विधि, आवाज, स्कैनिंग विधि, साइलेंट ड्राइव काउंट, उड़ते हुए पक्षियों की गिनती, मल-मूत्र, गिरे हुए पंख, पक्षी द्वारा की गई खुदाई, कैमरा और दूरबीन और किसी विशेष स्थान की निगरानी आदि कई तकनीकों को अपनाया जाता है।

ये प्रकृति प्रेमी हैं टीमों में शामिल

इस बार बाहरी राज्यों के कुछ प्रकृति प्रेमी लोगों भी इस पक्षी की गणना की टीमों का हिस्सा हैं। वहीं कुछ स्थानीय बर्ड वॉचिंग गाइड भी टीमों में शामिल हैं। तीर्थन रेंज की टीमों में हरियाणा के फरीदाबाद से नीतू नागर, प्रीति नगर और यश नागर, दिल्ली से निशांत भट्टी और हर्ष भट्टी गणना में शामिल हैं। तीर्थन घाटी के मशहूर लोकल गाइड हेम चंद उर्फ हेमू भी इस टीम का हिस्सा हैं।

विश्वभर में है जाजूराना की कुल संख्या करीब 3500

जैसा कि विदित है कि दुर्लभ पक्षी जाजूराना दुनिया भर से विलुप्त होने के कगार पर है। वर्तमान में विश्वभर में इसकी कुल संख्या करीब 3500 है। इसमें सबसे अधिक संख्या ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में होने की संभावना है।

Exit mobile version