धर्मशाला। प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों को सड़क सुविधा से जोडा़ जाएगा। इस पर काम शुरू हो गया है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला के इंद्रूनाग टउ-चोला में 7.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले मैकलोडगंज-भागसूनाग-टउ चोला मार्ग के कार्य और 6.12 करोड़ रुपये से बनने वाले हीरू दसालन-टमरू चोला मार्ग के कार्य का भूमि पूजन करने के बाद कही।

उन्होंने कहा कि इन मार्गों के बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रकृति ने राज्य को आलौकिक सौंदर्य से दिया है। राज्य की मनभावन वादियां देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करती हैं। कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कारगर कदम उठा रही है। इस दिशा में धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर, बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट एवं हाई एंड फाउंटेन, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग और रोलर स्केटिंग रिंक, परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, पालमपुर के मैंझा में वैडिंग रिजॉर्ट, हेलिपोर्ट निर्माण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य शीघ्र होगा। सरकार ने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण वन क्षेत्रों में 11 ईकोे-पर्यटन स्थल चिन्हित किए गए हैं।

इनमें कांगड़ा जिला के पालमपुर वन मंडल में सौरभ वन विहार, न्यूगल पार्क और बीड़-बिलिंग शामिल हैं। प्रत्येक ईकोे-पर्यटन स्थल एक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होगा। आउटसोर्सिंग के माध्यम से विकसित व संचालित किए जाने वाले इन स्थलों के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है।
इससे पहले लांयस और रोटरी क्लब धर्मशाला की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में एक-एक लाख का चेक भी भेंट किए।
इस अवसर पर विधायक सुधीर शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकर सुनील शर्मा, राज्य कृषि सहकारी बैंक के अध्यक्ष संजय चौहान, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम में निदेशक पुनीत मल्ली, पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री और विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।

Exit mobile version