शिमला। प्रदेश के बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले (Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। निदेशालय ने तीन कमीशन एजेंटों अभिषेक गुप्ता, हिमांशु शर्मा और अजय कुमार की ₹ 1.74 करोड़ की अचल संपत्तियों को अस्थाई अटैच किया गया है। इनकी बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित 7 संपत्तियों को अटैच किया गया है।

यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई है। निदेशालय ने यह जांच सोलन जिले के धर्मपुर थाने में दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। जांच में सामने आया है कि सोलन स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय के अध्यक्ष राज कुमार राणा ने अपने सहयोगियों और कई कमीशन एजेंटों के साथ मिलकर नकली डिग्रियां बेचने का एक संगठित रैकेट खड़ा किया था। इन एजेंटों की भूमिका बेहद अहम थी, क्योंकि उन्होंने नकली डिग्रियों के खरीददारों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच कड़ी का काम किया।

इसके बदले में इन्हें बिक्री की रकम से कमीशन मिला। जांच में पता चला कि इस घोटाले से हुई अवैध कमाई करीब ₹ 387 करोड़ तक पहुंच गई। इसे राणा और उनके एजेंटों ने विभिन्न राज्यों में चल और अचल संपत्तियों में निवेश करके खपाया। इससे पहले ईडी 14 व्यक्तियों और 2 संस्थाओं के खिलाफ भी कार्रवाई कर चुकी है। इस घोटाले ने न केवल प्रदेश, बल्कि कई राज्यों में शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस केस में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

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