शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को बालिका आश्रम टूटीकंडी में अनाथ बच्चों के साथ दिवाली मनाई। मुख्यमंत्री ने बच्चों को मिठाई, फल और पटाखे बांटे।उन्होंने बच्चों को इस पावन त्यौहार की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कानून बनाकर अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है।

यही नहीं, करीब 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र दिए हैं। इनसे वे मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। यह योजना प्रदेश सरकार के दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति की प्रतीक है। इसके तहत 27 साल की उम्र तक अनाथ बच्चे की देखभाल का जिम्मा प्रदेश सरकार का है।

ऐसे बच्चों को क्लोथ अलाउंस और त्यौहार मनाने के लिए भत्ता दिया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपये पॉकेट मनी राज्य सरकार देगी। अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में प्रवेश दिलाने की कोशिश भी जारी है। ऐसे बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने, घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि और 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि आप माता-पिता के बिना नहीं हैं। प्रदेश सरकार ही आपकी माता और पिता है। इसलिए मैं आपके साथ दीवाली मनाने आया हूं। सीएम सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार एकल नारियों और मूक-बधिर बच्चों के लिए भी योजना लाएगी।

इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि सीएम सुक्खू ले शपथ लेने के बाद सबसे पहले बालिका आश्रम टूटीकंडी आए। राज्य सरकार जन कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। ज्वालामुखी और सुंदरनगर में अनाथ बच्चों के लिए दो स्टेट ऑफ द आर्ट आश्रम बनाने जा रही हैं। इस मौक पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

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