धर्मशाला। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए ई-कचरा निष्पादन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ई-कचरा के बेहतर निष्पादन के लिए लोगों को जागरूक जरूरी है। उन्होंने सोमवार को डीसी कार्यालय परिसर से ई-कचरा संग्रहण सप्ताह के तहत ई-कचरा संग्रहण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस वाहन से धर्मशाला व कांगड़ा में ई-कचरा एकत्रित किया गया।
इन स्थानों पर भी जाएगा वाहन
17 अक्तूबर को नगरोटा व पालमपुर में एसडीएम कार्यालय परिसर में, 18 को देहरा व ज्वालाजी एसडीएम कार्यालय परिसर में इस वाहन से ई-कचरा एकत्रित किया जाएगा। आधुनिक समय में हर घर में एक वॉशिंग मशीन, टेलीविजन, कूलर, हीटर, एयर कंडीशनर, कंप्यूटर, आई-पैड, टेलीविजन व सेल फोन हैं। तकनीक में बदलाव से जब ये घरेलू उपकरण प्रयोग में नहीं आते और फेंक दिए जाते हैं तो इन्हें ई- कचरा की कहते हैं।
ऐसे बनता है ई-कचरा
डीसी ने कहा कि आईटी उद्योग में तेजी से उछाल से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग में वृद्धि हुई है। मोबाइल फोन तेजी से आउट ऑफ फैशन हो जाते हैं। ऐसे में इन्हें त्याग दिया जाता है। इससे बड़ी मात्रा में जहरीला ई-कचरा बनता है। ई-कचरे में प्लास्टिक और कांच के अलावा कैडमियम, लेड, मरकरी, पॉली-क्लोरीनयुक्त बाइफिनाइल्स जैसे खतरनाक रसायन होते हैं। ये हानिकारक रसायन लैंडफिल से मिट्टी में मिलकर जल प्रदूषण का कारण बनते हैं।
ई-कचरे को जलाने का नुकसान
ई-कचरे को जलाने पर हवा में जहरीली गैसें मिलती हैं। इससे वायु प्रदुषण होता है। उपायुक्त ने कहा कि ई-कचरे के सही निष्पादन के लिए ई-कचरा वाहन से संग्रहण किया जा रहा है। इसे सुचारू रूप से रिसाइकिल किया जाएगा, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। उपायुक्त ने सभी नागरिकों से अपील की है कि ई-कचरा को ई-कचरा वाहनों में देने में सहयोग करें।