चंबा। बीएसएफ के जवान ने ऑनलाइन गेम्स के चक्कर में करीब 50 लाख रुपयों का ऋण ले रखा था। इससे वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। यही वजह था कि उसने अपनी मौत की साजिश रच डाली, ताकि वह खुद को मरा साबित कर घर-परिवार से दूर एक नई जिंदगी शुरू कर सके। मगर उसके मंसूबे पूरे नहीं हुए। पुलिस ने बेंगलुरु से उसे पकड़ लिया। वहां वह अपने दोस्त के साथ रह रहा था। यह खुलासा एसपी अभिषेक यादव ने चंबा में पत्रकार वार्ता में किया।

एसपी ने कहा कि 28-29 जून मध्यरात्रि बीएसएफ के जवान अमित राणा के चुवाड़ी-चंबा वाया जोत मार्ग पर कार में जल कर मरने की सूचना मिली थी। उन्होंने खुद और एएसपी विनोद धीमान ने घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें यह घटना संदेहास्पद लगी। घटनास्थल पर अवशेष पर्याप्त मात्रा में नहीं मिले। कार हर तरफ से जल गई थी, लेकिन नंबर प्लेट नहीं जली थी। वह टूटकर सड़क के किनारे गिरी हुई मिली थी। वहीं जवान की नूरपुर से चंबा की यात्रा भी संदिग्ध थी।

नूरपुर से शाम 4 बजे निकलने के बाद भी वह चंबा नहीं पहुंचा और रात करीब 1 से 2 बजे कार जोत के पास जल गई। नूरपुर से जोत का सफर 2 से 3 घंटे में ही तय हो जाता है। पुलिस ने नूरपुर से लेकर जोत तक के सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए। जवान के बैंक खातों की डिटेल निकाली।

उस रात जोत से चंबा की तरफ आए वाहन चालकों से पूछताछ की। एक बस चालक ने कहा कि एक लंबा व्यक्ति बस में चढ़ा था। चंबा बस अड्डे में लगे सीसीटीवी कैमरे में बीएसएफ जवान को देखा गया। यहां से पुलिस का संदेह सच में बदल गया।

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