शिमला। प्रदेश में 12वीं कक्षा के बाद सीधे बीएड कोर्स शुरू (Start) हो सकता है। इस पर प्रदेश सरकार ने काम (Work) शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री (CM) सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह जानकारी सेंट बीड्स कॉलेज शिमला के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए दी।
इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा स्टोरेज जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के मेधावी छात्रों के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
उन्होंने प्रदेश में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने प्रदेश में नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को इस सामाजिक बुराई से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में युवाओं के लिए खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए इनाम की राशि के साथ खिलाड़ियों की डाइट मनी में भी बढ़ाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में अंडर-17 और अंडर-19 के खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में ₹150 और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ₹ 250 की राशि डाइट मनी के रूप में दी जाती थी। प्रदेश सरकार ने इस राशि को ₹ 400 से 500 कर दिया है। वहीं अंडर-14 खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में डाइट मनी ₹ 120 से 250 की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर इस राशि को ₹ 250 से बढ़ाकर 400 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य से बाहर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 200 किलोमीटर की यात्रा के लिए थ्रीय टायर एसी रेल किराया और 200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए इकोनोमिक क्लास हवाई किराया देने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण सुधार किए हैं। पहली बार सरकारी स्कूल के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए सिंगापुर और कंबोडिया भेजा गया। शिक्षकों को भी आधुनिक शिक्षण पद्धतियां सीखने के लिए विदेश भेजा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शैक्षणिक अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए सरकार प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध ढंग से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है। इन स्कूलों को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शैक्षणिक ज्ञान देने के साथ-साथ पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाकर उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना है। शिक्षा निदेशालय की कार्यप्रणाली में संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश देश में गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में फिसल कर 21वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्तमान प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में अत्याधुनिक और स्टेट ऑफ आर्ट मशीनरी स्थापित करने के लिए ₹ 1800 करोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी मशीनरी और उपकरणों के कारण बीमारी की जांच और इसके उपचार में अधिक समय लगता है। वर्तमान प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से स्वास्थ्य क्षेत्र को उन्नत कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 40 वर्ष पूर्व सेंट बीड्स कॉलेज में वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया था। इस शैक्षणिक संस्थान ने अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखा है। उन्होंने बताया कि 17 वर्ष पूर्व राजकीय महाविद्यालय संजौली से कक्षा प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त हो कर उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ था। इस अनुभव से फिर वह नगर पार्षद और उसके बाद विधायक के रूप में चुने गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वर्तमान युग की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने 2023 के दौरान भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, जिससे प्रदेश के लगभग 23 हजार परिवार प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को हरित ऊर्जा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इस दिशा में हर संभव प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इससे पूर्व कॉलेज की प्रधानाचार्य सिस्टर मौली इब्राहिम ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कॉलेज की वार्षिक रिपोर्ट का ब्योरा दिया। कॉलेज के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यकम में विधायक हरीश जनारथा और संजय अवस्थी मौजूद रहे।