धर्मशाला। विकास परियोजना धर्मशाला के सकोह वृत्त की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षक पुष्पा की अगुआई में पढ़ाई भी-पोषण भी और टेस्ट, टॉक, ट्रीट अनीमिया शीर्षकों पर एक कार्यक्रम करवाया। यह आयोजन पोषण अभियान के तहत राष्ट्रीय पोषण माह को एक जन आंदोलन के रूप में मनाते हुए सकोह में किया गया।
इसमें शिक्षा, आयुर्वेद विभाग व स्थानीय निकाय का सहयोग रहा। इसमें बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मशाला, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी बबिता गौतम, पार्षद अनुज धीमान समेत करीब 70 महिलाओं व बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रंगोली व पारंपरिक व्यंजनों की प्रदर्शनी लगा कर सही पोषण तो देश रोशन का संदेश दिया। वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी बबिता गौतम ने कहा कि गर्भ धारण करने से 3 महीने पहले ही फोलिक एसिड की खुराक लेनी शुरू कर देनी चाहिए।
बच्चे के जन्म के बाद भी आयरन व कैल्शियम की खुराक जारी रखनी चाहिए। बच्चे के जन्म से लेकर अगले एक हजार दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। अगर इस दौरान सभी सावधानियां बरत लीं तो आगे कोई भी मुश्किल नहीं आती है। उन्होंने कहा कि पतरोडू व लुंगड़ू जैसे पारंपरिक व्यंजनों के नियमित इस्तेमाल से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। तेल व चीनी का इस्तेमाल कम करना चाहिए। चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग करना चाहिए। ज्यादा तली या भूनि चीजें नहीं खानी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में दो महिलाओं की गोद भराई की रस्म भी पूरी की गई।