शाहपुर | एचआरटीसी बसों में पास वाले छात्रों को बिठाने से परहेज किया जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया है कांगड़ा जिले के Shahpur ITI में। यहां सरकारी आईटीआई के छात्र जब भी बस स्टॉप पर अपने गंतव्य तक जाने के लिए एचआरटीसी बस को रोकने का प्रयास करते हैं तो चालक बस को काफी दूरी पर रोकते हैं। जब मजबूर छात्र बस को पकड़ने के लिए दौड़ते हैं तो वे सवारियां उतार कर बस दौड़ा देते हैं। ऐसा एक दो-बार नहीं, बल्कि रोजाना उन छात्रों के साथ हो रहा है, जो आईटीआई शाहपुर में पढ़ने के लिए जाते और घर वापस आते हैं। इन छात्रों ने एचआरटीसी बसों में चलने वाले पास बनवा रखे हैं, जिससे इन्हें किफायती सफर की सुविधा मिलती है। प्रदेश सरकार ने यह सुविधा दी है तो छात्र इसका लाभ उठा रहे हैं, लेकिन चालक और परिचालक छात्रों को इस सुविधा से वंचित कर रहे हैं। जब छात्र बस में चढ़ने पर कामयाब हो जाते हैं तो चालक और परिचालक उन्हें यह कहते हैं कि तुम लोग बस में भीड़ फैलाते हो। कई दफा छात्रों ने धर्मशाला डिपो में इसकी कंप्लेंट भी की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। आखिरकार छात्रों ने हमारे संवाददाता से संपर्क साधा और यह सारा किस्सा सुनाया। जो वीडियो आप देख रहे हैं, वह खुद छात्रों ने अपने फोन से रिकॉर्ड की है। अब सवाल यह उठता है कि एचआरटीसी के कर्मी क्या मनमर्जी करने लगे हैं या फिर विभाग का कोई उच्च अधिकारी ऐसा करने के लिए कहता है। सवालों की फेहरिस्त में एक सवाल यह भी जुड़ता है कि जब सरकार ने छात्रों को सुविधा दे रखी है तो एचआरटीसी कर्मी कौन होते हैं, उन्हें इससे वंचित रखने वाले ? इन सवालों के जवाब तो शायद सरकार में बैठे मंत्री और विभाग के उच्च अधिकारी ही दे सकते हैं। लेकिन छात्रों का सिर्फ यह कहना है कि या तो सरकार हमें सुविधा देना बंद कर दे या फिर मनमानी करने वाले ऐसे कर्मचारियों पर लगाम कसे, क्योंकि हम छात्र दूर-दूर से यहां पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन एचआरटीसी कर्मियों की मनमानी हमें सुविधा न देने या देरी से पहुंचाने और ले जाने के लिए जिम्मेदार है।

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