तपोवन (धर्मशाला)। लैंड सीलिंग एक्ट (Act) 1972 में संशोधन से संबंधित विधेयक शुक्रवार को पास विधानसभा में पास हो गया। इससे धार्मिक संस्थाओं को बड़ी राहत मिली है। एक्ट में बदलाव (Change) से 30 एकड़ तक जमीन (land) या इस पर बने स्ट्रक्चर को सहयोगी संस्थाओं को ट्रांसफर किया जा सकेगा।
इससे संबंधित हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 विधानसभा में पारित किया गया। इससे राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा दान की गई 6,000 बीघा जमीन में से 30 एकड़ तक ट्रांसफर करने की अनुमति संभव होगी। सत्संग ब्यास ने हमीरपुर के भोटा में अपनी सहयोगी संस्था के लिए जमीन ट्रांसफर की अनुमति मांगी थी, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह संशोधन किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सदन में स्पष्ट किया कि यह कदम धार्मिक और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इसके साथ ही विधानसभा में हिमाचल सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 और हिमाचल पुलिस संशोधन विधेयक 2024 भी पारित किए गए। कर्मचारियों के लिए नए विधेयक के तहत अब अनुबंध सेवाकाल को वरिष्ठता में नहीं जोड़ा जाएगा।
कर्मचारियों को जिस दिन रेगुलर किया गया, उसी दिन से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ दिए जाएंगे। पुलिस संशोधन विधेयक के तहत अब पुलिस कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को जिला के बजाय राज्य कैडर में शामिल किया गया है। इससे पुलिस कर्मचारियों का ट्रांसफर राज्यभर में किया जा सकेगा। भाजपा ने इन विधेयकों का विरोध किया। पार्टी ने इसे कर्मचारियों के साथ अन्याय बताया।
पार्टी विधायकों त्रिलोक जम्वाल और जेआर कटवाल ने सदन में कहा कि यह कदम कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है। कांग्रेस विधायक राकेश कालिया द्वारा सदन में बोलने का मौका न मिलने पर उन्होंने कुर्सी छोड़कर नीचे बैठ कर विरोध जताया। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया।