हमीरपुर। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को हमीरपुर जिले के आपदा प्रभावित परिवारों को करीब 14 करोड़ की राहत राशि दी। इनमें 122 परिवारों को मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पहली किस्त के रूप में 3-3 लाख जारी किए। ऐसे परिवारों को पहली किस्त के रूप में कुल 3.66 करोड़ जारी। उन्होंने यह सौगात हमीरपुर के गांधी चौक में हुए कार्यक्रम में दी। सीएम ने दो बेघर परिवारों को भूमि के दस्तावेज सौंपे और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए 555 मकानों की मरम्मत के लिए 1-1 लाख की आर्थिक सहायता दी। उन्हें कुल 5.55 करोड़ की राशि दी गई।
उन्होंने प्रभावित 8 दुकानों और ढाबों मालिकों को भी एक-एक लाख का मुआवजा दिया। उन्होंने क्षतिग्रस्त 622 गौशालाओं की मरम्मत के लिए 3.11 करोड़, आपदा में सामान गंवाने वाले 71 परिवारों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता दी। जिले में क्षतिग्रस्त हुई 1103 कनाल भूमि की एवज में 10 हजार प्रति बीघा की दर से कुल 55 लाख व 1760 कनाल भूमि पर किसानों की फसल को हुए नुकसान पर 4 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से 35.20 लाख की मुआवजा राशि दी। सीएम ने 27 पशुओं की मौत पर पशुपालकों को 8 लाख की राशि दी।
विद्युत बोर्ड का चीफ इंजीनियर कार्यालय खोलने की घोषणा की
उन्होंने हमीरपुर में विद्युत बोर्ड का चीफ इंजीनियर कार्यालय खोलने व हमीरपुर शहर की बिजली की तारों को भूमिगत करने के लिए 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने बस अड्डे के निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 2 करोड़ रुपये देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि नेरी में तीन करोड़ से बागवानी विश्वविद्यालय का छात्रावास बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के बाद 48 घंटे में बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाएं बहाल की। यही नहीं फंसे हुए 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित निकाला।
केंद्र सरकार ने एक पैसे की मदद नहीं की
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इतिहास में पहले कभी भी इतने व्यापक पैमाने पर क्षति नहीं हुई, लेकिन भाजपा नेता विधानसभा सत्र की मांग करते रहे। जब सत्र बुलाया तो तीन दिन की चर्चा के बाद भी आपदा प्रभावितों के समर्थन में लाए गए प्रस्ताव का साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले, लेकिन केंद्र सरकार ने एक पैसे की मदद नहीं की।