इस बार नवरात्र मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। जैसा कि हिंदू धर्म में किसी भी अनुष्ठान से पहले कलश स्थापना की जाती है, ठीक वैसे ही नवरात्र में दुर्गा की घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व है। विदित रहे कि कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि माता दुर्गा की पूजा से पहले कलश को पूजा जाता है। कलश स्थापना के बाद माता की चौकी स्थापित की जाती है। नौ दिन माता के स्वरूपों रूपों की पूजा की जाती है।
चैत्र और शारदीय नवरात्र का महत्व है ज्यादा
हर वर्ष चार बार नवरात्र आते हैं। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र का महत्व ज्यादा होता है। मान्यता है कि नवरात्र में पूजा से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
ये हैं शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र मंगलवार, 9 अप्रैल 2024
घट स्थापना मुहूर्त सुबह 6.02 से 10. 16 तक है। इसकी अवधि 4 घंटे 14 मिनट है। वहीं घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.57 से दोपहर 12.48 बजे तक है।
नवरात्र में क्या करें
नवरात्र के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाएं। इसके बाद साफ कपड़े पहनें। फिर एक चौकी बिछाकर वहां पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। इसके बाद रोली और अक्षत से टीका करें। वहां माता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। विधि विधान से माता की पूजा करें।
मां की पूजा से मिलते हैं ये लाभ
मां दुर्गा की पूजा से जीवन में भय, विघ्न और शत्रुओं का होता है। नवरात्र के पहले दिन सुबह संकल्प रूपी कलश स्थापना की जाती है। भक्त दिन भर उपवास रखते हैं।
जानें हर दिन का महत्व
पहला नवरात्र, 9 अप्रैल 2024, मां शैलपुत्री पूजा, घट स्थापना
दूसरा नवरात्र, 10 अप्रैल 2024, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा नवरात्र, 11 अप्रैल 2024, मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा नवरात्र, 12 अप्रैल 2024, मां कुष्मांडा पूजा
पांचवां नवरात्र, 13 अप्रैल 2024, मां स्कंदमाता पूजा
छठा नवरात्र, 14 अप्रैल 2024, मां कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्र, 15 अप्रैल 2024, मां कालरात्रि पूजा
आठवां नवरात्र, 16 अप्रैल 2024, मां महागौरी पूजा और दुर्गा महा अष्टमी पूजा
नौवां नवरात्र, 17 अप्रैल 2024, मां सिद्धिदात्री पूजा, महा नवमी और राम नवमी
दसवां दिन, 18 अप्रैल 2024, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन