शाहपुर। साहित्य एवं कला के संरक्षण व संवर्द्धन की दिशा में कार्यरत अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की कांगड़ा इकाई ने गुंजन रेडियो सिद्धबाड़ी (धर्मशाला) के सभागार में साहित्य एवं कला के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं के रचना धर्मियों को सम्मानित किया।
समारोह में सबसे पहले संस्कार भारती की कांगड़ा इकाई के संयोजक डॉ. कंवर करतार एवं डॉ. जनमेजय गुलेरिया ने संस्था के बारे में बताया। समारोह में द्रोणाचार्य कॉलेज रैत के कार्यकारी प्रबंध निदेशक बलविंदर सिंह पठानिया ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की और कला गुरु सम्मान पाने वाले सभी प्रवुधजनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जो हम समाज को देते हैं, वही वापस लेते भी हैं, इसलिए कुछ भी बोलने, करने से पहले जरूर विचार करना चाहिए।
समारोह में संगीत की प्रो. वंदना भडवार, प्रो. जितेंद्र सिंह, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी प्रभात शर्मा और साहित्य एवं शिक्षाविद् के रूप में ख्याति प्राप्त रमेश चंद्र मस्ताना को कला गुरु सम्मान दिया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. आदिति ने किया। संयोजक डॉ. कवंर करतार ने अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की कांगड़ा इकाई का परिचय करवाया। उन्होंने 64 कलाओं की जानकारी दी।
उन्होंने दृश्य और श्रव्य कला पर विचार रखे। इसके बाद मुख्य अतिथि द्रोणाचार्य कॉलेज रैत के कार्यकारी प्रबंध निदेशक बलविंदर सिंह पठानिया को संस्था ने सम्मानित किया। संस्था की संरक्षक प्रो. चंद्र रेखा डढवाल ने सम्मानित होने वाली चारों विभूतियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य की परंपरा बहुत पुरानी है, जिसकी आज भी प्रासंगिकता है। उन्होंने कहा कि जीवन जीना सबसे बड़ी कला है। आज इंटरनेट पर सभी को जानकारियां तो मिल जाती हैं, लेकिन मुश्किलों से निकलने का ज्ञान तो गुरुओं से ही मिलता है।
बविता ओबरॉय ने अपने गुरु प्रभात शर्मा का संक्षिप्त परिचय दिया। इसके बाद रमेश चंद्र मस्ताना के शिष्य सोनू ठाकुर ने अपने गुरु का संक्षिप्त परिचय दिया। वंदना भडवार का परिचय उनकी शिष्य संजना ने दिया। प्रोफेसर जितेंद्र सिंह की शिष्या पूजा ने उनका परिचय करवाया। सभी अध्यापकों को प्रशस्ति पत्र, श्रीफल और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान बविता ओबराय ने अपने गुरु प्रभात शर्मा, संजना ने अपने गुरु वंदना भडवार, सोनू ठाकुर ने अपने गुरु ने रमेश चंद्र मस्ताना और पूजा शर्मा ने अपने गुरु प्रोफेसर जितेंद्र सिंह को श्रीफल देकर सम्मानित किया।