एएम नाथ। चंबा
मणिमहेश
यात्रा के दौरान जन्माष्टमी का शाही स्नान छह सितंबर सुबह 3:38 बजे शुरू होगा और सात सितंबर को सुबह 4:15 बजे तक चलेगा। इस बार जन्माष्टमी को यह योग बन रहा है। भरमौर के पंडित सुमन शर्मा ने कहा कि जन्माष्टमी पर मणिमहेश डल झील में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और कृष्ण पावंग योग है।

22 सितंबर को 1 बजकर 36 मिनट पर अष्टमी लग रही है। 23 को 12 बजकर 18 मिनट तक राधा अष्टमी का स्नान होगा। मणिमहेश में सप्तमी पर डल तोड़ना एक परंपरा है। 21 को 2 बजकर 15 मिनट से सप्तमी शुरू होगी। यह 1 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। 21 सितंबर को सवा दो बजे के बाद डल तोड़ने की परंपरा पूरी की जाएगा।

मणिमहेश यात्रा भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) महीने के पहले दिन शुरू होती है। पूर्णिमा के दिन समाप्त होती है। इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। इससे सभी पाप धुल जाते हैं। यह यात्रा कठिन है। इसे पूरा करने में 4-5 दिन लगते हैं।

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