देहरा। मुख्यमंत्री सुक्खू (CMSukhu) व उनकी धर्मपत्नी कमलेश (Kamlesh) से किसी सर्टिफिकेट (Certificate) की आवश्यकता नहीं है। देहरा की जनता स्वयं जानती है कि उनका बेटा कितना लायक है, तभी दो बार पूर्व में अपना आशीर्वाद दिया है। अब तीसरी बार फिर भारी जनसमर्थन और आशीर्वाद देकर विधानसभा भेज रहे हैं। विवाह के बाद किसी भी महिला का पहला धर्म ससुराल के प्रति होता हैं, परंतु बहन कमलेश रीति-रीवाजों और मान्यताओं को भूल रही हैं।

मुख्यमंत्री सुक्खू अति अवसरवादी

भाजपा (BJP) प्रत्याशी होशियार सिंह ने चुनावी सभा को कहा कि मेरी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाने वालों पर उन्ही की पार्टी के 6 लोगों ने पार्टी व सरकार छोड़ कर प्रश्नचिन्ह लगा दिया था, जो कि किसी भी नेतृत्व के लिए अत्यंत शर्मनाक है। मुख्यमंत्री सुक्खू अति अवसरवादी हैं, जिन्हें सत्ता का इतना मोह हो गया है कि अपनी पत्नी को भी सहभागी बना लिया। यह तो यही बात हो गई कि “खुद मियां फ़जीहत दूसरे को नसीहत ” अपना घर संभलता नहीं, चले हैं दूसरों को संभालने। उन्होंने कहा आज एक बार चुनाव से पहले ये पति पत्नी नादौन में हुए कार्यों का ब्यौरा भी देहरा के साथ साझा करें, ताकि यहां कि जनता को भी भरोसा हो कि कांग्रेस सरकार ने विकास का एक पत्थर इन 18 महीनों में रखा है।

कमलेश के क्लेश से नादौन की जनता दुखी ही रहेगी

उन्होंने कहा की हमारे बजुर्ग ठीक कहा करते थे, जिस बेटी का मन ससुराल से ज्यादा मायके के लाभ-हानि में रहता है, वो मायके का तो कभी भला नहीं करा पाती, बल्कि ससुराल का भी सत्यानाश कर देती है। इसलिए यह तय है कि कमलेश के क्लेश से नादौन की जनता दुखी ही रहेगी। उन्होंने देहरा कि जनता से आह्वान किया कि इसलिए भाजपा के प्रत्याशी को वोट और कमलेश को शगुन का सिक्का देकर विदा करें, ताकि वो बार-बार अपना हक मांगने यहां न आ सके। आज देहरा में कांग्रेस के नेतृत्व को इन्होंने परिवारवाद की बलि चढ़ा दिया है। कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार झूठी गारंटीयों से प्रदेश को ठगा, अब लॉलीपॉप देकर देहरा की जनता को बेवकूफ बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री का ऐसा कोई भाषण नहीं होता, जिसमें वह आर्थिक संकट की बात न करते हों, कोई भी कार्य करने से पहले केंद्र का मुंह न देखते हों, सहायता मिल जाने के बाद भी केंद्र को कोसते न हों।

पैसा केंद्र से आना है तो भाजपा के विधायक के हाथों सरलता से आएगा

देहरा की जनता जानती है कि जब पैसा केंद्र से आना है तो भाजपा की सरकार में भाजपा के विधायक के हाथों सरलता से आएगा। यदि मुख्यमंत्री सुक्खू के हाथों आने लगा तो आज तक जिस तरह की बंदरबांट हुई है, उसी प्रकार होगी। ऐसे में देहरा के हिस्से कुछ आना, न आना तय नहीं है। उन्होंने कहा इसमें भी कोई शक नहीं जिस व्यक्ति के पास आज तनख्वाह और पेंशन देने के लिए पैसा नहीं, वो आर्थिक संकट के नाम पर फिर जनता के बीच केंद्र का ही दोषारोपण करेगा। उन्होंने कहा कि देहरा की जनता सोच-समझ कर फैसला ले और विकास को चुने, विनाश को नहीं। जनता को आश्वासत करते हुए कहा की प्रदेश का खजाना खाली है।

देहरा को पर्यटन हब और वाटर स्पोर्ट्स (जलक्रीड़ा) का केंद्र बनाएंगे

देहरा के विकास के लिए पहले भी कार्य किया है। अब भी केंद्र से देहरा को पर्यटन हब और वाटर स्पोर्ट्स (जलक्रीड़ा) का केंद्र बनाने के लिए केंद्र से बड़ी योजनाओं को लाकर विश्व पटल पर देहरा का नाम स्थापित करूंगा। इस कार्य के हो जाने से जहां देहरा जहां पर्यटन मानचित्र पर दिखेगा, वहीं बेरोजगारों को नौकरी और व्यवसाय के सुनहरी अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा भाजपा जैसे दल के साथ जुड़ कर चुनाव लड़ना भाग्य का सूचक है और देहरा का भाग्य बदलने में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा। इसलिए दो नावों पर सवार कमलेश को भूल आप देहरा के बेटे का साथ दें।

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